*"Gotra, Kuldevi Of Rajpurohit Community राजपुरोहित समाज के गोत्र व कुलदेवियां"*
*"Community wise Kuldevi wrrited by Mahendrasingh $ Mangalsinghji manna jasol"*
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*"Gotra wise Kuldevi of Rajpurohit Community :"* शुक्रनीतिसार में कहा गया है कि अर्थ, विद्या में निपुण, वेदों का ज्ञाता, वचन पालक, राजनीतिज्ञ, युद्ध विद्या, एवं समस्त कार्यों में प्रवीण, राष्ट्र निर्माण तथा हित में कार्य करने वाला राजपुरोहित ही है। इस वंश का मारवाड़ के इतिहास में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। राजपुरोहित समाज की कुलदेवियां इस प्रकार हैं-
*"Kuldevi of Rajpurohit Community राजपुरोहित समाज की आराध्य देवियां"*
*"(सं.) गोत्र खांप कुलदेवी"*
*"(1.)"*
*"रिषी:-भारद्वाज"*
सेवड़, सोडा, बीसोत
*"कुलदेवी:-चामुंडा माता"*
*"(2.)"*
*"रिषी:-वशिष्ट"*
राजगुरु, अजारियों, बाडमेरों, सांचोरा, पिण्डिया सिद्धप, आमेटो, मंदपड़, भवरियों, खोया ओजा, कुरचियो,
पीपलियो, भलार, सिलौरा
*"कुलदेवी:-अर्बुदा माता"*
*जागरवाल"*
वशिष्ट की धूणी की ज्वाला से पैदा हुए। इनका गोत्र बाल ऋषि भी कहते हैं।
जोगेश्वरी ज्वालामुखी माता
*"(3.)"*
*"रिषी:-पीपलाद"*
मूथा, गुन्देचा, रायगुरु, चरक, गोराऊ, सोथड़ा, नन्दवाण, नाणीवाल, गोमतीवाला, अबरिया, बालवन्चा, भगोरा,
मुमड़ियाँ, करनारियाँ, धमनियाँ, घोटा, दताणियां, सैणपुरा, बुडिचियां
*"कुलदेवी:-ब्रह्माणी माता"*
*"(4.)"*
*"रिषी:-गौतम"*
*"मनणा, महिवाल"*
*"कुलदेवी:-जोगमाया माता"*
*"(5.)"*
*"रिषी:-पारासर"*
सीया, पांचलोड़, चावण्डिया, कैवाणचा, हातला, बोतिया, राड़बड़ा, सोनाणियां
*"कुलदेवी:-सिघरासी माता"*
*"(6.)"*
*"रिषी:-शांडिल्य"*
दूदावत, व्यास, संखवालचा, रायथला, कतबा, लापा, लापद, गोराखा, पोदरवाल, मावा, मंडवी, हेड़ाऊ, लोहारियां,
रोड़ीवाल, उईयाल, केदारियाँ, बारलेचा, छद्रवाल
*"कुलदेवी:- खिमज माता"*
–
*"(7.)"*
*"रिषी:-उदालिक"*
उदेच, कैशरियां, मकवाणा, फान्दर, लकावा, कोपराऊ, हलसियां, बाबरियां, डिगारी, नेतरड़, टमटमीयां, रावल,
तरवाड़ी लक्षीवाल, पुणाचा, रूढवा, टिटीपा, जरगालियां, कुचला, ढमढमियां, दादाला, कोसाणो
*"कुलदेवी:-भंमाई माता"*
*"(8.)"*
*"रिषी:-कश्यप"*
सेपाउ, सोमड़ा, जोती, थानक, बालारियां, पुजारियां, बुजड़, हिड़ार, लुणातरा, लदिवाल, दिवानियां, बुवाड़ी,
सिगला, बारलियां, कृत्वा, बौया, बिरपुरा, भरतीयां, आवलियां, भेपड़, कोटीवाल, टंकावाल, सेवरियां, नारायणचा, सेपड़
*"कुलदेवी:- नागता माता"*
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