Monday, 27 July 2020

राजपुरोहित समाज के सभी गोत्रो के नाम

राजपुरोहित गोत्र आप की कोनसी है
1. रायगर
2. सोढा
3. श्री गौड़
4. राजगुरू
5. अजारिया
6. बाडमेरा
7. सांचोरा
8. मलार
9. कराचिया
10. पिपलिया
11. पिण्डिया
12. अमेटा
13. मंदपङ
14. भंवरिया
15. खोया
16. सिद्धप
17. ओझा
18. सिलोरा
19. जागरवाल
20. पारीक
21. सिया
22. पांचलोड
23. चांवडिया
24. कवाणचा
25. हाथला
26. बोतिया
27. सोरणिया
28. सेवड़
29. गुदेचा
30. मुथा
31. चरक
32. गोटाड़
33. सोथङा
34. नंदवाणा
35. नाणीवाल
36. अश्रवारिया
37. गोमतीवाल
38. पुष्करणा
39. बालबंचा
40. भगोरा
41. मुमाडिया
42. करनारिया
43. धमानिया
44. घोटा
45. दताणिया
46. सेणपुरा
47. बांडाणिया
48. बालरिया
49. डाईवाल
50. पालीवाल
51. पुजारिया
52. बुज़ङ
53. हिडार
54. लूणतारा
55. लदिवाल
56. दिवानिया
57. बुवाड़ी
58. सेपङ
59. सिंधला
60. रहवास
61. बाकलिया
62. नारायणचा
63. कुत्चा
64. बोया
65. खिरपुरा
66. पोकरणा
67. अगरवाला
68. भरतिया
69. थानक
70. आंवलिया
71. भेपङ
72. हलसिया
73. उदेरा
74. रावल
75. नेतरोड़
76. रुदवा
77. कुचला
78. कोसाणी / कोषाना
79. त्रवाङी
80. सामङा
81. जोशी
82. कोटिवाल
83. टकावाल
84. सेवरिया
85. सेपाऊ
86. दुदावत
87. व्यास
88. रायथला
89. लाह्फा
90. लापद
91. गोरखा
92. पोदरवाल
93. महवा
94. मङवो
95. हेड़ाऊ
96. दुधवा
97. मकवाणा
98. महिवाल
99. लच्छीवाल
100. टिटोपा
101. ढमढमिया
102. डईयाल
103. लहारियो
104. रोड़याल
105. गईयाल
106. केदारिया
107. बाकलेचा
108. छिद्रवाल
109. लाम्पोज़र
110. गाबियां
111. रेढलिया
112. संखवालचा
113. रुदवा
114. गंधा
115. उदेच
116. फांदर
117. लखावा
118. कोपराऊ
119. टमटमिया
120. डिंगारी
121. केसरिया
122. बाबरिया
123. मनणा
124. टखाङी
125. पुणायचा
126. जरगालिया
127. दादला
128. बोरा
129. ओदिचा
130. दूधा
131. कल
132. श्रीरख
133. बलवाचा
134. कश्यप:
135. माकाणा
136. दुदावत
137. कतबा
138. सटीयातर
139. खापरोला
140. पादरेचा
141. फोरनिया
142. वीरपुरा
143. गोमठ
144. कोठारिया
145. सिरवाडा
146. आकसेरिया
147. गोलवाडीया
148. नेतरेराड
149. उदेश
150.मढवी
151. साँथुआ
152.मावा
153.सेवरवाल
154.हाल्सिया
155.नदुआणा 
  👍🏻🌹राजपुरोहित समाज🌹🙏
प्रस्तुकर्ता=Mahendrasingh Rajpurohit Manna Jasol
7621931486

हमारा प्रयास आपको अच्छा लगे तो कमेंट बॉक्स में जय श्री खेतेश्वर दाता री सा जरूर लिखे सा
हमारा प्रयास राजपुरोहित समाज में एकता लाना है सा और भाईचारा और प्रेम भाव बढाने का  उद्देश्य है हमारा जो संत श्री श्री १००८ संत श्री खेताराम जी महाराज जी ने हम राजपुरोहित समाज को जो उपदेश देके गए हैं कि राजपुरोहित के घर बकरी नहीं रखना है , और आपस मैं भाईचारा कायम रखना है हमारा उद्देश्य भी यही है बस आप सभी का साथ चाहिए क्युकी आपका साथ ही हमारा हौसला है
सबका साथ सबका विकास
जय श्री खेतेश्वर दाता री सा

2 comments:

  1. जय श्री भगवान श्री ब्रह्माजी री सा
    जय श्री भगवान परशुराम जी री सा
    जय श्री कुलगुरू संत श्री खेताराम जी महाराज जी री सा

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  2. सिद्धप राजपुरोहित का इतिहास डालो

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