*यह कविता बार बार पढ़े,, आपको हर बार एक नया एहसास होगी !!
👇👇👇👇👇👇
🍒*कहाँ पर बोलना है*🍒
*और कहाँ पर बोल जाते हैं।*
*जहाँ खामोश रहना है*
*वहाँ मुँह खोल जाते हैं।।*
🍒*कटा जब शीश सैनिक का*🍒
*तो हम खामोश रहते हैं।*
*कटा एक सीन पिक्चर का*
*तो सारे बोल जाते हैं।।*
🍒*नयी नस्लों के ये बच्चे*🍒
*जमाने भर की सुनते हैं।*
*मगर माँ बाप कुछ बोलें*
*तो बच्चे बोल जाते हैं।।*
🍒*बहुत ऊँची दुकानों में*🍒
*कटाते जेब सब अपनी।*
*मगर मज़दूर माँगेगा*
*तो सिक्के बोल जाते हैं।।*
🍒*अगर मखमल करे गलती*🍒
*तो कोई कुछ नहीँ कहता।*
*फटी चादर की गलती हो*
*तो सारे बोल जाते हैं।।*
🍒*हवाओं की तबाही को*🍒
*सभी चुपचाप सहते हैं।*
*च़रागों से हुई गलती*
*तो सारे बोल जाते हैं।।*
🍒*बनाते फिरते हैं रिश्ते*🍒
*जमाने भर से अक्सर हम*
*मगर घर में जरूरत हो*
*तो रिश्ते भूल जाते हैं।।*
🍒*कहाँ पर बोलना है*🍒
*और कहाँ पर बोल जाते हैं*
*जहाँ खामोश रहना है*
*वहाँ मुँह खोल जाते हैं।।*
🌹🙏🏼 *जय श्री श्याम* 🙏🌹
Prasenting by=
हमारा प्रयास आपको अच्छा लगे तो कमेंट बॉक्स में जय श्री खेतेश्वर दाता री सा जरूर लिखे सा
हमारा प्रयास राजपुरोहित समाज में एकता लाना है सा और ग्रुप में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के जरिए जनरल नॉलेज मिलता है, समाज के बंधुओ को नई नई जानकारी मिलती हैं।और आपस में भाईचारा और प्रेम भाव बढाने का उद्देश्य है हमारा जो संत श्री श्री १००८ संत श्री खेताराम जी महाराज जी ने हम राजपुरोहित समाज को जो उपदेश देके गए हैं कि राजपुरोहित के घर बकरी नहीं रखना है , और आपस मैं भाईचारा कायम रखना है हमारा उद्देश्य भी यही है बस आप सभी का साथ चाहिए क्युकी आपका साथ ही हमारा हौसला है
सबका साथ सबका विकास
जय श्री खेतेश्वर दाता री सा
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🍒*कहाँ पर बोलना है*🍒
*और कहाँ पर बोल जाते हैं।*
*जहाँ खामोश रहना है*
*वहाँ मुँह खोल जाते हैं।।*
🍒*कटा जब शीश सैनिक का*🍒
*तो हम खामोश रहते हैं।*
*कटा एक सीन पिक्चर का*
*तो सारे बोल जाते हैं।।*
🍒*नयी नस्लों के ये बच्चे*🍒
*जमाने भर की सुनते हैं।*
*मगर माँ बाप कुछ बोलें*
*तो बच्चे बोल जाते हैं।।*
🍒*बहुत ऊँची दुकानों में*🍒
*कटाते जेब सब अपनी।*
*मगर मज़दूर माँगेगा*
*तो सिक्के बोल जाते हैं।।*
🍒*अगर मखमल करे गलती*🍒
*तो कोई कुछ नहीँ कहता।*
*फटी चादर की गलती हो*
*तो सारे बोल जाते हैं।।*
🍒*हवाओं की तबाही को*🍒
*सभी चुपचाप सहते हैं।*
*च़रागों से हुई गलती*
*तो सारे बोल जाते हैं।।*
🍒*बनाते फिरते हैं रिश्ते*🍒
*जमाने भर से अक्सर हम*
*मगर घर में जरूरत हो*
*तो रिश्ते भूल जाते हैं।।*
🍒*कहाँ पर बोलना है*🍒
*और कहाँ पर बोल जाते हैं*
*जहाँ खामोश रहना है*
*वहाँ मुँह खोल जाते हैं।।*
🌹🙏🏼 *जय श्री श्याम* 🙏🌹
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सबका साथ सबका विकास
जय श्री खेतेश्वर दाता री सा
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