श्री गणेशाय नम : श्री नागणेची माता नम :
श्री बीसभूजा माता नम : श्री खेतेश्वर नम
राजपुरोहित समाज के सेवड़ गौत्र का इतिहास
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मित्रो मैं महेन्द्रसिंह मूलराजोत ढ़ण्ढ़ोरा आज मैं सम्पूर्ण सेवड़ो का
वंश वृक्ष चाट बनाने जा रहा हूँ ,मैं पूरी कोशिश करूँगा की कोई
गाँव नहीं छूटे अगर किसी गाँव का नाम न आये तो आप जरूर
बताये ओर किसी के पास अधिक जानकारी विस्तार मे है तो
जरूर बताये , बीती से अन्य गाँव मे बसने वाले सेवड़ो की
जानकारी किसी के पास है तो भेज देवे , बाहड जी के वंशज
भी अपनी जानकारी भेजे , बिकानेर मे विका /बिका जी के सभी
गांवो की जानकारी विस्तार मे भेजे ओर बिका जी के वंशजो के
अलावा भी सेवड़ है तो बताये , मध्यप्रदेश ,गुजरात ओर महाराष्ट्र
मे गये ओर वही बसे हुये सेवड़ जिनके गाँव थे वे अपनी मारवाड़ की
पीढ़ी ओर गाँव बताये , किसी के गाँव नहीं है ओर 12_18 पीढ़ी
से रह रहे है तो वे भी अपना मूल गाँव बताये , मेवाड मे बसे हूए
सेवड़ वहा के अपने जागीर गाँव ओर वंश चाट की जानकारी भेजे
, कुछ सेवड़ पाकिस्तान मे भी थे उनकी जानकारी किसी के पास
हो तो भेजे , 9840654779 पर आप मुझसे सम्पर्क कर सकते हो धन्यवाद ,
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शिवऋषि जी
सभी सेवड़ इनके वंशज है ,इनके नाम से ही सेवड़ कहलाते है ,इनके
नाम शिव जी से शिवड़ कहलाने लगे समय के साथ शिवड़ शब्द से सेवड़ मे
बदल गया है विक्रमी संवत 1223-24 मे कन्नोज के राजा जयचन्द राठौर ने इनको अपना राज पुरोहित ओर कुलगुरू बनाया ओर गढ गोविन्दाणा मे 40 गाँव शासन दिये थे , शिवऋषि बहुत ही उच्चस्तर के
ऋषि थे लोग इनका आर्शिवाद लेने बहुत दूर से आते थे क्यूकी ऋषि का आर्शिवाद ओर वचन सत्य साबित होते थे शिव ऋषि सबके
मन की ईच्छा अपने आप जान जाते थे ,इसी खास खूबी को परखने
कुंवर जयचन्द कन्नोज से बदायूँ शिव ऋषि के पास आया ओर ऋषि ने
उनके मन की बात बता दी ओर आर्शिवाद दिया की आप जिस राज्य को जीतने की ईच्छा है जावो चढ़ाई करो उस पर विजय श्री आपका इंतजार कर रही ओर जय चन्द ने वैसा ही किया ओर जीत गये , इसीलिय जयचन्द ने ऋषि को अपना कुलगुरू ओर राज पुरोहित बनाया , शिव ऋषि श्री गौड़ ब्राह्मण थे भारद्वाज गौत्र है ओर सेवड़ कोई जात या गोत्र नहीं है सिर्फ व्यक्ती विशेष के वंशज है एक परिवार है शिव ऋषि का
शिव ऋषि जी
महेपासवर जी
देवपसावर जी
विठ्ठलदास जी
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विठ्ठलदास जी जसोजी
| आप सियो जी ओर देवपाल देव
जी के साथ मे आये ओर गुजरात
| मे सियो जी ओर भाटियो के बीच
युद्ध मे शहीद हूये कोई वंशज
| मारवाड़ मे नहीं है
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देवपाल देव जी नगराज जी
1272 विक्रम स . आप 1332 वि .स . मे राव
मे सियो जी के साथ आये सिया जी के पुत्र आस्थान जी के
मै इनका इतिहास इस पोस्ट खेड पर कब्जा करते समय 115
मे नही लिख सकता क्यूकी वीरो के साथ शहीद हूए
बहुत विशाल है मेने 4-5 पेज
लिखे है जो मेरे पास है
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देवपुरूष देवपाल देवजी सेवड़
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देवपसाव जी पनपसाव जी / कमल जी
आप आस्थानजी राठौड के
| साथ पाली मे शहीद हूए
| धोला चौतरा इनकी याद
| मे बनाया गया लेकिन लोग
| गलती से मानते नहीं है मेने
इनके बारे मे पोस्ट की थी
| य़सोधर ( जस्सा ) जी इनके
नाना जी थे जिनकी सहायता
| करने गये थे फिरोज शाह ने
हमला किया था पाली पर तब
| इनके वंशज नहीं है
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पन्नेराज जी / पुल जी
बिलपाल जी
आप राव धुहड़ जी ओर पुरोहित पीथड़ जी सोढ़ा
के साथ शहीद हूए
बेमण् जी / बीमल जी
बसंत जी सेवड़
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बीजड़ जी बाहड़ जी
_____1________2_ राजड़ जी
हरपाल जी धारायत जी कुक्कड़ जी
| कानोडिया कोलु ,सांकडिया
| से बहुत भामटसर ओर 2-3
| लोग अन्य गाँव हो सकते है
| गाँवो मे बसे
|
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देदो जी छेल जी सादो जी रूपायत जी
बावडी बड़ी पीपड बडली सुरायता
बावडी छोटी इनके
बाडा वंशज है
ओसियां या नहीं ?
का बड़ा
वास
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रुद्रा जी हरपालोत
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खिन्दा जी खीडा जी काना जी जीवनदास जी
| टूंकलिया पांचलोडिया चावण्डिया
| | पुरोहितासनी
| | सिणिया
|. |
खेताजी |________
|__________________|. |
|. |. |
रायसल जी |. |
|. |. |
__|_1__________ 2_. |. |
उदयसिंह जी पीथा जी /. |. |
| पृथ्वीसिंह जी |. |
| बडली
आपने एक राजकुमारी
| से विवाह किया ज़िससे
दिल्ली का बादसाह विवाह
करने की घोषणा कर चुका
था मुझे इनके बारे मे ईस
| विषय मे कोई विस्तार से
बताये क्या आप ही रिक्तिया
| भेरूजी है
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कुम्भा जी भारमल जी |. |
खाराबेरा धोलेरिया |. |
शासन |. |
_________________________. |
खेता जी के वंशज |
किशनगढ रियासत के राजपुरोहित |
थे जिनको वहा 4-5 गाँव जागीर |
मिले थे इनमे प्रमुख बीती ,ऊजोली ओर कल्यानपूरा |
है ओर गाँव के नाम मुझे याद नही है |
बीती के सेवड़ खेताजी के बाद का वंश चाट |
ओर गाँव भी बताये |
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गंगदास जी करण दास जी देवीदास जी
|. ? ?
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धनराजजी भीयांदासजी रामदासजी नारायणदासजी जीवनदासजी
टूंकलिया रतनपूरा गुलर मेवाड रेन
बोरावड गये
तोसिंणा
सितापुरो
मन्नाणा
भेरनेर
सबलपुर
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6. निम्बोजी गंगदासोत
घोडावड़ , बलाडा , रुपनगर , कोड़ीया ओर धनेरिया के
सेवड़ निम्बोजी के वंशज है ओर निम्बावत सेवड़ कहलाते है
निम्बावतो मे ही संत सेवादास जी महाराज हूए थे ,वे राम जी
की भक्ती मे लीन रहते थे , मेने सेवादास जी महाराज पर भी
एक पोस्ट की थी ,मेरे पास निम्बावतो का वंश चाट था किसी
ने मुझे भेजा था अब नहीं है
6.
दामाजी हरपालोत
तिंवरी के अलावा 7-8 गाँव
गेंवा - बागां , बांकली
मांडहाई
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ऊदा जी नडा जी देवनदास जी नामो जी /नेमो जी
थोब , वंशज नहीं |. भावी
बिगमी 1____| ___2_ बिलाडा
फल्लेराज जी रामदेव जी आसरावो
नारवां पु . पापासनी इनके वंशज
बिरलोका है या नहीं है
की बासनी
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बिज्जा जी बिसौ जी बिका /विका जी
घेवडा ,. | (विक्रम जी )
मोहराई ,. | बिकानेर गये
रूपावास ,. | 27 गाँव
इनके पुत्र |. कोई बिकानेरी सेवड़
चौथ जी |. विक्रम जी का
के राजसिंह जी |. वंश चाट ओर
के गाँव |. 27 गाँव के
रूपावास ,. |. नाम भेजे तो
मोहराई ,. |. मैं इसमे जोड
पांचवा ,. |. दूंगा
बांता ,. |
बडियालो ,. |
खाचरियो |
की बासनी |
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बिसोजी दामावत
विठू , झूँझण्डा इनको मिले ,,तिंवरी ओर पिता जी के बचे हूये गाँव
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कुम्पा जी करम जी लिखम जी अमर जी
तिंवरी विठू से निंबाज विठू से निम्बाज |____________________________________________
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केसोजी कुम्पावत भोजराज जी मूलराज जी तिलोक जी
घंटियाला तालकिया तिंवरी सहित
24 से भी ज्यादा गाँव .
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1 2. 3. 4
प्रतापसिंह जी राजसिंह जी छता जी रायसल जी
तिंवरी सहित बिकरलाई धुरासनी मालपुरिया
16 गाँव इनके वंशज
सिंह का रतलाम राज्य के
खिताब राजपुरोहित बने
1600 ओर मालपुरिया
वि .स सेवड़ कहलाते है
मे राव इनका ठिकाना
मालदेव कचलाना है ओर
ने दी अन्य जगह भी गये
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भानीदास जी विरम जी महेशदास जी रायमल जी पदम जी
भोजास . ___ चाडवास _____. _____
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प्रतापसिंह जी मूलराजोत तिंवरी
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ठा . कल्याण सिंह जी शंकरसिंह सुरतोंणसिंह जी साँवत जी
तिंवरी सहित बडला दुदवड
14 गाँव तिंवरी मे प्रताप जी
के कोट मे इनके वंशज.
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तिंवरी के प्रथम ठाकुर कल्याण सिंह जी प्रतापसिंगोत
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रामसिंह जी गोविन्द दास जी रायभानसिंह जी कर्णसिंह जी
तिंवरी सहित ढ़ण्ढ़ोरा भटनोखा खेड़ापा
12 गाँव 4 पीढ़ी बाद
कोई नही हूए
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अंतिम चार भाइयो का इतिहास पता नहीं हो सका ओर इनके
वंशज़ या गाँव पता नहीं हूए इनके वंशज़ नहीं है शायद
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तिंवरी के दुसरे ठाकुर रामसिंह जी कलावत
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मनोहरदास जी तेजमाल जी अचलदास जी गोरधन जी
तिंवरी सहित 10 गाँव तीनो भाइयो का वंश आगे नहीं बढ़ पाया
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तिंवरी के तीसरे ठाकुर मनोहरदास जी रामसिंगोत
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पदमसिंह जी उदयसिंह जी अजब सिंह जी दलपतसिंह जी
1,2,3, भाइयो के वंश आगे नही बढ़ पाया तिंवरी
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दलपतसिंह जी मनोहरदासोत तिंवरी
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नगराज जी अखेराज जी
इनके वंशज नही हूए तिंवरी सहित अन्य 10 गाँव
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तिंवरी के पाँचवे ठाकुर अखेराज जी दलपतोत
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सूरजमल जी महासिंह जी केसरीसिंह जी जयसिंह जी
तिंवरी सहित खींचन खेडापा प्रताप सिंग जाटियावास
6 गाँव धुंधियाड़ी अनोपसिंह जी अन्य 3 गाँव
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तिंवरी के छठे ठाकुर सूरजमल जी अखेराजोत
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शिवसिंह जी रुपसिंह जी तीनो के नाम पता नही हूए
सूरजमलजी के कितने पुत्र थे ओर पूत्रो के पुत्र कितने हूये कोई नहीं बताते बाद मे किसी के वंशज़ नही रहे या अन्य कारनवास छोटे भाई महासिंह जी के छठे पुत्र तेज सिंह जी को गौद लेते है ओर उनके वंशज अब तिंवरी मे रहते है मुझे अब तक किसी ने पुरी जानकारी नही दी
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महासिंह जी अखेराजोत खींचन
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लालसिंह जी संग्राम सिंह जी सुरतसिंह जी चेनसिंह जी
खीचन खीचन . खीचन खीचन
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वियजराज जी तेजसिंह जी फतेहसिंह जी
तिंवरी गये भावंडा 1/6 भाग
फिल्ला भाग मे इनके
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विजयराज जी महासिंगोत
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सरदार जी राजसिंहजी ज़िवराजजी विशनजी मोहकम जी
कोट वाली खुतडी भावण्डा भावण्डा भावण्डा
भैंसेर भैंसेर कोट बंगला वंशज ?
धांधलावास
मेडावास
Wrriter=Mahendrasingh moolrajot dhandhora
प्रस्तुकर्ता=Mahendrasingh Rajpurohit jasol
7621931486
हमारा प्रयास आपको अच्छा लगे तो कमेंट बॉक्स में जय श्री खेतेश्वर दाता री सा जरूर लिखे सा
हमारा प्रयास राजपुरोहित समाज में एकता लाना है सा और आपस में भाईचारा और प्रेम भाव बढाने का उद्देश्य है हमारा जो संत श्री श्री १००८ संत श्री खेताराम जी महाराज जी ने हम राजपुरोहित समाज को जो उपदेश देके गए हैं कि राजपुरोहित के घर बकरी नहीं रखना है , और आपस मैं भाईचारा कायम रखना है हमारा उद्देश्य भी यही है बस आप सभी का साथ चाहिए क्युकी आपका साथ ही हमारा हौसला है
सबका साथ सबका विकास
जय श्री खेतेश्वर दाता री सा